टोटल नी रिप्लेसमेंट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें प्रभावित घुटने के जोड़ को एक कृत्रिम संरचना से बदल दिया जाता है जिसे कृत्रिम प्रत्यारोपण के रूप में जाना जाता है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से घुटने के दर्द और जकड़न से राहत पाने के लिए की जाती है। इस प्रक्रिया का उपयोग कभी-कभी टूटे हुए या अनुचित रूप से बढ़ते घुटने जैसी चोटों और अन्य स्थितियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। झारखंड की श्रीमती ठंडा पाल को घुटनों में काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा था, उन्होंने कई उपचार करवाए लेकिन कुछ भी उनके दर्द को ठीक करने में मदद नहीं कर सका। यशोदा अस्पताल, हैदराबाद में वह डॉ. जी वेद प्रकाश, सलाहकार ऑर्थोपेडिक और ट्रॉमा सर्जन के तहत दोनों घुटनों की सर्जरी से गुजर चुकी हैं। आइए यशोदा अस्पताल में उनके इलाज के सफर के बारे में उनकी बातचीत सुनें।