रेक्टल कैंसर मलाशय में शुरू होता है, जो पाचन तंत्र का निचला हिस्सा है और इसके लक्षण हो सकते हैं जैसे कि आंत्र की आदतों में बदलाव (दस्त, कब्ज), मल में खून, पेट में दर्द, बिना कारण वजन कम होना, थकान आदि।
रेक्टल कैंसर के लिए स्फिंक्टर प्रिजर्वेशन सर्जरी रेक्टल ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने और आंत्र ऊतक की निरंतरता और गुदा दबानेवाला यंत्र की कार्यप्रणाली को संरक्षित करने में मदद करती है।
यह प्रक्रिया इस मायने में फायदेमंद है कि यह स्फिंक्टर्स, मांसपेशियों के छल्ले को अलग करने में मदद करती है जो मल त्याग को नियंत्रित करने और स्थायी कोलोस्टॉमी के जोखिम को कम करने में मदद करती है।
सोमालीलैंड की श्रीमती सहरा इस्माइल जिब्रिल ने वरिष्ठ सलाहकार ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन (कैंसर विशेषज्ञ) डॉ. सचिन मर्दा की देखरेख में हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में रेक्टल कैंसर के लिए सफलतापूर्वक स्फिंक्टर प्रिजर्वेशन सर्जरी की।
डॉ सचिन मर्द
एमएस (जनरल सर्जरी), डीएनबी (एमएनएएमएस), जीआई और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में फेलोशिप, एमआरसीएस (एडिनबर्ग, यूके), एमसीएच (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी), डीएनबी (एमएनएएमएस), रोबोटिक सर्जरी में फेलोशिपवरिष्ठ सलाहकार ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन (कैंसर विशेषज्ञ)