वयस्कों में सिर की चोटें विकलांगता और मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हैं। क्षति मामूली हो सकती है, जैसे कोई उभार या चोट, या गंभीर हो सकती है, जैसे चोट, खुला घाव, खोपड़ी का फ्रैक्चर, या मस्तिष्क क्षति।
खोपड़ी के फ्रैक्चर को सिर पर किसी प्रभाव या झटका के कारण कपाल की हड्डी (खोपड़ी) में हुई टूटन के रूप में परिभाषित किया गया है। लक्षणों में प्रभाव के बिंदु के आसपास सूजन और कोमलता, चेहरे पर चोट, और/या नाक या कान से रक्तस्राव शामिल हो सकते हैं।
खोपड़ी के फ्रैक्चर को प्रहार के बल, खोपड़ी पर प्रभाव के स्थान और सिर पर प्रहार करने वाली वस्तु के आकार के आधार पर बंद फ्रैक्चर, खुले फ्रैक्चर, दबे हुए फ्रैक्चर और बेसल फ्रैक्चर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
खोपड़ी के फ्रैक्चर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें उम्र, स्वास्थ्य और चिकित्सा इतिहास, साथ ही फ्रैक्चर का प्रकार, इसकी गंभीरता और परिणामी मस्तिष्क की चोटें शामिल हैं। यदि मस्तिष्कमेरु द्रव का रिसाव हो या अवसाद मस्तिष्क पर दबाव डाले तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
तेलंगाना के श्री सुरेश ने कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. के.वी. शिवानंद रेड्डी की देखरेख में हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में खोपड़ी के फ्रैक्चर का सफलतापूर्वक इलाज कराया।