थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (टीटीपी) एक दुर्लभ और गंभीर विकार है जिसके कारण पूरे शरीर में छोटी रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के बन सकते हैं। इससे रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) हो सकती है।
चिकित्सीय प्लाज्मा एक्सचेंज (टीपीई) एक चिकित्सा उपचार है जिसका उपयोग टीटीपी वाले रोगियों के रक्त से हानिकारक पदार्थों को हटाने के लिए किया जाता है।
इस प्रक्रिया में रोगी के रक्त के एक हिस्से को निकालना और उसे ताजा प्लाज्मा या प्लाज्मा विकल्प से बदलना शामिल है। रोगी के रक्त को एक विशेष मशीन से गुजारा जाता है जिसे सेल सेपरेटर कहा जाता है, जो प्लाज्मा (रक्त का तरल भाग) को हटा देता है और रक्त कोशिकाओं को रोगी को वापस कर देता है। हटाए गए प्लाज़्मा को या तो रक्तदान से प्राप्त ताज़ा प्लाज़्मा या किसी प्लाज़्मा विकल्प से बदल दिया जाता है।
टीपीई के ठीक होने का समय मरीज की स्थिति और समग्र स्वास्थ्य के आधार पर अलग-अलग होगा। प्रक्रिया के बाद, रोगी के प्लेटलेट काउंट की बारीकी से निगरानी की जाएगी, और उन्हें ऐसी गतिविधियों से बचने का निर्देश दिया जाएगा जो रक्तस्राव या चोट का कारण बन सकती हैं।
सिद्दीपेट के श्री नागभूषणम बी ने सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. कमलेश ए और यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के एसोसिएट जनरल फिजिशियन डॉ. ईशान बाजपेयी की देखरेख में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा का चिकित्सीय प्लाज्मा एक्सचेंज किया।