“पिछले साल 24 जनवरी को खाना खाते समय चिकन की हड्डी मेरे गले में फंस गई थी। तब से मुझे लगातार खांसी हो रही है और बहुत अधिक बलगम बन रहा है। मैंने डिंडुगल के नवीन अस्पताल के एक डॉक्टर से सलाह ली। उन्होंने ब्रोंकोस्कोपी की और पाया कि मेरे फेफड़े में एक हड्डी फंसी हुई है और उन्होंने मुझे यशोदा अस्पताल, सिकंदराबाद में डॉ. हरि किशन गोनुग्नुतला के पास भेजा। डॉक्टर ने चिकित्सकीय जांच की और सुझाव दिया कि मुझे तुरंत सर्जरी करानी चाहिए। उसी रात डॉ. हरि ने सभी आवश्यक परीक्षण किए और कहा कि मेरे फेफड़ों में 1 सेमी की हड्डी है। उन्होंने तुरंत मेरा ऑपरेशन किया और अब मैं ठीक हूं। मैं देखभाल और सहयोग के लिए डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।'' श्री जेराल्ड कहते हैं