ट्रांसफोरामिनल लम्बर इंटरबॉडी फ्यूजन (टीएलआईएफ) एक न्यूनतम इनवेसिव स्पाइनल सर्जरी है जिसका उपयोग क्षतिग्रस्त या विकृत स्पाइनल डिस्क के इलाज के लिए किया जाता है। डिस्क का अध:पतन उम्र, आनुवांशिक कारकों, आघात या सामान्य टूट-फूट के परिणामस्वरूप हो सकता है और इससे गंभीर दर्द, सूजन, सुन्नता, कमजोरी और गतिशीलता में कमी हो सकती है।
इस प्रक्रिया में क्षतिग्रस्त डिस्क को हटाना और उसे हड्डी के ग्राफ्ट से भरे इम्प्लांट से बदलना शामिल है। इम्प्लांट कशेरुकाओं को फिर से संरेखित करने और संपीड़ित नसों के कारण दर्द और दबाव से राहत देने में मदद करता है। यह रीढ़ को भी स्थिर करता है और कशेरुकाओं के बीच गति को समाप्त करता है।
ओपन सर्जरी की तुलना में टीएलआईएफ में जटिलताएं कम होती हैं, संक्रमण का खतरा कम होता है और घाव का निशान भी कम होता है और ठीक होने की अवधि भी कम होती है। प्रक्रिया के बाद आपको हल्का दर्द और कमजोरी का अनुभव हो सकता है, लेकिन आप कुछ हफ्तों के भीतर सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे।
ज़ाम्बिया के श्री चैनसा हंससेन सिमवाम्बा ने सीनियर कंसल्टेंट स्पाइन सर्जन डॉ. वामसी कृष्णा वर्मा पेनुमात्सा की देखरेख में यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद में डिजेनरेटिव डिस्क रोग के लिए सफलतापूर्वक टीएलआईएफ कराया।