हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी एक प्रमुख सर्जिकल प्रक्रिया है जो क्षतिग्रस्त कूल्हे के जोड़ को कृत्रिम प्रत्यारोपण से बदलने के लिए की जाती है। हिप रिप्लेसमेंट की सिफारिश उन लोगों के लिए की जाती है, जिन्हें ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस या हिप जॉइंट के एवस्कुलर नेक्रोसिस जैसी स्थितियों के कारण गंभीर हिप दर्द और विकलांगता होती है।
सर्जरी के दौरान, सर्जन एक या दो छोटे चीरे लगाएगा, आमतौर पर लंबाई में 2-4 इंच, और फिर कूल्हे के जोड़ तक पहुंचने और क्षतिग्रस्त हड्डी और उपास्थि को हटाने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करेगा। कृत्रिम जोड़ तैयार करने के बाद, सर्जन इम्प्लांट डालेगा और उसे उसकी जगह पर सुरक्षित कर देगा।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए न्यूनतम इनवेसिव दृष्टिकोण रोगियों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है, क्योंकि इससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और अस्पताल में रहने और ठीक होने में कम समय लगता है। लेकिन चूंकि यह एक बड़ी सर्जरी है, इसलिए इसमें रक्त का थक्का जमना, संक्रमण और तंत्रिका क्षति जैसी जटिलताएं भी आती हैं।
श्री सीएच. वरिष्ठ सलाहकार आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. नितीश भान की देखरेख में वारंगल के साईं चंदर की यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद में सफलतापूर्वक मिनिमली इनवेसिव हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई।